Sankatmochan Hanuman Ashtak – Ko nahi janat hai jag me

Sankatmochan Hanuman Ashtak
Sankatmochan Hanuman Ashtak

Ko nahi janat hai jag me – this Sankatmochan Hanuman Ashtak is recited after the Hanuman Chalisa. This mantra benefits the individuals who express it, yet additionally gives advantages to their relatives.

This mantra helps in mental unwinding and achieves a feeling of harmony in one’s family. Reciting this mantra routinely helps in the progress of well-being conditions for grown-ups and kids.

Tittle Song Ko nahi janat hai jag me
Another Love Movie/AlbumSankatmochan Hanuman Ashtak (Hanuman Chalisa)
Singer Singer(s)HARIHARAN
Writter LyricsTraditional
Writter MusicLalit Sen, Chander
lABEL Music LabelT-Series

Sankatmochan Hanuman Ashtak lyrics in Hindi


बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥

अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥

रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥

॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥

Sankatmochan Hanuman Ashtak lyrics in English


॥ Hanuman Ashtak ॥

Baal samai ravi bhakshi liyo tab,

teenahu loka bhayo andhiyaro ।

Taahi so traas bhayo jag ko,

yah sankat kaahu so jaat na taaro ।

Dewan aani kari bintee tab,

chaadhi diyo ravi kasht niwaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tihaaro ॥1॥

Baali ki traas kapees basai giri,

jaat mahaaprabhu panth nihaaro ।

Chownki mahaa muni saap diyo tab,

chahiy kaun bichaar bichaaro ।

Kai dwij roop liwaay mahaa prabhu,

so tum daas ke sok niwaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥2॥

Angad ke sang lain gaye siya,

khoj kapees yah baain uchaaro ।

jeevat na bachihau hum son ju,

bina sudhi laay ehaan pagu dhaaro ।

Hayri thake tatt sindhu sabaai tab,

laay siya-sudhi praan ubaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥3॥

Raavan traas dayee siya ko sab,

raakshashi so kahi sok nivaaro ।

Taahi samay hanuman mahaprabhu,

Jaay mahaa rajneechar maaro ।

Chaahat seeya asoka so aagi su,

dai prabhu mudrika soka nivaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥4॥

Baan lagyo ur lakshiman ke tab,

praan taje sut raavan maaro ।

Lai griha baidya sushen samet,

tabai giri dron su beer upaaro ।

Aani sajeewan hath dayee taba,

lakshiman ke tum praan upaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥5॥

Raavan yudh ajaan kiyo tab,

naag ki phaas sabhi sir daaro ।

Sri Raghunath samet sabai dal,

moh bhayo yah sankat bhaaro ।

Aani khagesh tabai hanumaan ju,

bandhan kaati sutraas nivaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥6॥

Bandhu samet jabai ahiraavan,

lai raghunath pataal sidhaaro ।

Devhi puji bhalee vidhi so bali,

deu sabai mili mantra vichaaro ।

Jaay sahaay bhayo tab hi,

ahiraavan sainya samet sanhaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥7॥

Kaaj kiye barh dewan kei tum,

beer mahaaprabhu dekhi bichaaro ।

Kaun so sankat mohin gareeb ko,

jo tumso nahin jaat hai taaro ।

Begi haro hanumaan mahaprabhu,

jo kuch sankat hoya hamaaro ।

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi,

sankat mochan naam tiharo ॥8॥

॥ Doha ॥

Laal deh laalee lase,

aru dhari laal langoor ।

Bajra deh daanavdalan,

jai jai jai kapi soor ॥

Hanuman Ashtak Sankatmochan Naam Tiharo Meaning in Hindi

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।

ताहि सों त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात  न टारो ।

देवन आनि करी बिनती तब,

छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो ।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो 1

बाल्यकाल में जिसने सूर्य को खा लिया था और तीनों लोक में अँधेरा हो गया था। पुरे जग में विपदा का समय था जिसे कोई टाल नहीं पा रहा था। सभी देवताओं ने इनसे प्रार्थना करी कि सूर्य को छोड़ दे और हम सभी के कष्टों को दूर करें। कौन नहीं जानता ऐसे कपि को जिनका नाम ही हैं संकट मोचन अर्थात संकट को हरने वाला।

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,

जात महाप्रभु पंथ निहारो।

चौंकि महामुनि साप दियो तब ,

चाहिए कौन बिचार बिचारो।

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,

सो तुम दास के सोक निवारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो– 2

बाली से डरकर सुग्रीव और उसकी सेना पर्वत पर आकार रहने लगती हैं तब इन्होने ने भगवान राम को इस तरफ बुलाया और स्वयं ब्राह्मण का वेश रख भगवान की भक्ति की इस प्रकार ये भक्तों के संकट दूर करते हैं ।

अंगद के संग लेन गए सिय,

खोज कपीस यह बैन उचारो।

जीवत ना बचिहौ हम सो  जु ,

बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो।

हेरी थके तट सिन्धु सबे तब ,

लाए सिया-सुधि प्राण उबारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो – 3

अंगद के साथ जाकर आपने माता सीता का पता किया और उन्हें खोजा एवम इस मुश्किल का हल किया। उनसे कहा गया था – अगर आप बिना सीता माता की खबर लिए समुद्र तट पर आओगे तो कोई नहीं बचेगा। उसी तट पर सब थके हारे बैठे थे जब आप सीता माता की खबर लाये तब सबकी जान में जान आई।

रावण त्रास दई सिय को सब ,

राक्षसी सों कही सोक निवारो।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु ,

जाए महा रजनीचर मरो।

चाहत सीय असोक सों आगि सु ,

दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो – 4

रावण ने सीता माता को बहुत डराया और अपने दुखो को ख़त्म करने के लिए राक्षसों की शरण में आने कहा। तब मध्य रात्री समय हनुमान जी वहाँ पहुँचे और उन्होंने सभी राक्षसों को मार कर अशोक वाटिका में माता सीता को खोज निकाला और उन्हें भगवान् राम की अंगूठी देकर माता सीता के कष्टों का निवारण किया।

बान लाग्यो उर लछिमन के तब ,

प्राण तजे सूत रावन मारो।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत ,

तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो।

आनि सजीवन हाथ  दिए तब,

लछिमन के तुम प्रान उबारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो – 5

रावण के पुत्र इन्द्रजीत के शक्ति के प्रहार से लक्षमण मूर्छित हो जाते हैं। उनके प्राणों की रक्षा के लिए हनुमान जी वैद्य सुषेन को उनके घर के साथ उठ लाते हैं। और उनके कहे अनुसार बूटियों के पहाड़ को उठाकर ले आते हैं। और लक्षमण को संजीवनी देकर उनके प्राणों की रक्षा करते हैं।

रावन जुध अजान कियो तब ,

नाग कि फाँस सबै सिर डारो।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल ,

मोह भयो यह संकट भारो।

आनि खगेस तबै हनुमान जु ,

बंधन काटि सुत्रास निवारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो – 6

रावण ने जब राम एवम लक्षमण पर नाग पाश चलाया तब दोनों ही मूर्छित हो जाते हैं। और सभी पर संकट छा जाता हैं। नाग पाश के बंधन से केवल गरुड़ राज ही मुक्त करवा सकते थे। तब हनुमान जी उन्हें लाते हैं और सभी के कष्टों का निवारण करते हैं।

बंधू समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो।

देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,

देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो।

जाये सहाए भयो तब ही,

अहिरावन सैन्य समेत संहारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो  – 7

एक समय जब अहिरावण एवम मही रावण दोनों भाई भगवान राम को लेकर पाताल चले जाते हैं तब हनुमान अपने मंत्र और साहस से पाताल जाकर अहिरावन और उसकी सेना का वध कर भगवान् राम को वापस लाते हैं।

काज किये बड़ देवन के तुम,

बीर महाप्रभु देखि बिचारो।

कौन सो संकट मोर गरीब को,

जो तुमसे नहिं जात है टारो।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु ,

जो कछु संकट होए हमारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो – 8

भगवान् के सभी कार्य किये तुमने और संकट का निवारण किया मुझ गरीब के संकट का भी नाश करो प्रभु। तुम्हे सब पता हैं और तुम्ही इनका निवारण कर सकते हो। मेरे जो भी संकट हैं प्रभु उनका निवारण करों।

दोहा

लाल देह लाली लसे , अरु धरि लाल लंगूर।

वज्र देह दानव दलन , जय जय जय कपि सूर।। ..

लाल रंग का सिंदूर लगाते हैं, जिनकी देह (शरीर) भी जिनकी लाल हैं, और लंबी सी पूंछ हैं, वज्र के समान बलवान शरीर हैं, जो राक्षसों का संहार करते हैं। ऐसे श्री कपि को बार बार प्रणाम।

Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics Meaning in English

Baal samai ravi bhakshi liyo tab, teenahu loka bhayo andhiyaro |

Taahi so traas bhayo jag ko, yah sankat kaahu so jaat na taaro |

Dewan aani kari bintee tab, chaadhi diyo ravi kasht niwaaro ||

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tiharo ||1||

During childhood when YOU attempted to engulf SUN (considering it to be a fruit) ,YOU fell and the world was filled with sorrow as you were the ray of hope to them. As expected YOU recovered from the disease afflicted by Sun (रवि कष्ट), hence lifted the will of the people in the Earth. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Baali ki traas kapees basai giri, jaat mahaaprabhu panth nihaaro |

Chownki mahaa muni saap diyo tab chahiy kaun bichaar bichaaro |

Kai dwij roop liwaay mahaa prabhu so tum daas ke sok niwaaro ||

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tihaaro ||2||

YOU were protecting Sugriva from Bali by asking him to live in a mountain, where Bali was not allowed to enter due to the curse of ‘Chauki saint’. When Shri Ram was searching for Sita along with Lakshman, Sugriva doubted that they were searching Sugriva as instructed by Bali, Then YOU disguised as a Brahmin, met Shri Ram and even HE killed Bali eventually. So YOU relieved a devotee (Sugriva) of his sorrow. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman  (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Angad ke sang lain gaye siya, khoj kapees yah baain uchaaro |

jeevat na bachihau hum son ju, bina sudhi laay ehaan pagu dhaaro |

Hayri thake tatt sindhu sabaai tab laay siya-sudhi praan ubaaro ||

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tiharo ||3||

YOU went with Angad and others to fetch the information about Sita, At the sea -coast when rejoined Angad said,” We will not remain alive if we return without Sita’s information.” All became dead tired there and then YOU brought the required information of Sita. Hence saved the life of the entire army. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Raavan traas dayee siya ko sab, raakshashi so kahi sok nivaaro |

Taahi samay hanuman mahaprabhu, Jaay mahaa rajneechar maaro ||

Chaahat seeya asoka so aagi su, dai prabhu mudrika soka nivaaro ||

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tihaaro ||4||

When Ravan tormented Sita by instructing his female maids who were caretakers at Ashok Vatika to trouble her, YOU reached that very moment and killed many enemies. When out of trouble Sita asked for fire from nature (Ashok tree), YOU gave Shri Ram’s ring to Sita and delivered the message of Shri Ram. Hence YOU gave new life to SITA by giving her hope which in turn boosted her confidence. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman  (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Baan lagyo ur lakshiman ke tab, praan taje sut raavan maaro |

Lai griha baidya sushen samet, tabai giri dron su beer upaaro |

Aani sajeewan hath dayee taba lakshiman ke tum praan upaaro|

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tihaaro ||5||

When an arrow of Meghnath struck deep in the heart of Lakshman, YOU brought ‘Sushen Vaidya’ along with his home who asked YOU to bring ‘Sanjeevani herb’ which YOU finally brought along with ’Dron mountain’ and YOU revived Lakshman. Hence YOU saved the life of Lakshman by giving him a new life. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman  (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Raavan yudh ajaan kiyo tab, naag ki phaas sabhi sir daaro |

Sri Raghunath samet sabai dal, moh bhayo yah sankat bhaaro |

Aani khagesh tabai hanumaan ju, bandhan kaati sutraas nivaaro |

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tiharo ||6||

When Ravan attacked the Shri Ram army by tying them by snakes at night when all were in deep sleep, the whole army including Shri Ram was in deep trouble. Then YOU brought Gaduda (the big eagle) to save the entire army. Hence YOU saved the entire army including the life of Shri Ram. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman  (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Bandhu samet jabai ahiraavan, lai raghunath pataal sidhaaro |

Devhi puji bhalee vidhi so bali, deu sabai mili mantra vichaaro |

Jaay sahaay bhayo tab hi ahiraavan sainya samet sanhaaro |

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tihaaro ||7||

When Ahiravan along with his brother kidnapped Shri Ram and Lakshman to Paatal (netherworld), when they were almost finished with the rituals to go for human sacrifice, YOU appeared before them and killed Ahiravan. Hence YOU saved the lives of Shri Ram and Lakshman again. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman  (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

Kaaj kiye barh dewan kei tum, beer mahaaprabhu dekhi bichaaro |

Kaun so sankat mohin gareeb ko, jo tumso nahin jaat hai taaro |

Begi haro hanumaan mahaprabhu jo kuch sankat hoya hamaaro |

Ko nahin jaanat hai jag mein kapi sankat mochan naam tiharo ||8||

YOU have done great deeds for the Gods/Goddess and even for the Almighty Shri Ram, O My Lord! Give me a kind glance, and tell (notify) me which obstacles are not removed by your glance, (for your glance can provide me the real dedication and patience to do any impossible task even) O My Lord! I ask you to remove any obstacle as you are my guru. Who does not know in this world that YOUR name is Sankat Mochan Hanuman (remover of obstacles) who removes ignorance (darkness) by his light (knowledge)

।।Doha।।

Laal deh laalee lase, aru dhari laal langoor |

Bajra deh daanavdalan, jai jai jai kapi soor ||

YOU have the red body with brilliance which is lighting the whole world, YOU disquised yourself as a long-tailed monkey when spied Lanka, YOUR body is as strong as Vajra (thunder-bolt) which can kill any enemy, I meditate upon YOU again and again O My Lord who even enlightens Gods (devta)

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