Zihal E Miskin lyrics in Hindi from the movie Ghulami (1985) sung by Shabbir Kumar and Lata Mangeshkar. The evergreen old song is written by Gulzar and music composed by Laxmikant-Pyarelal. Starring Mithun Chakraborty and Anita Raj.
Song | Zihal E Miskin |
Movie/Album | Ghulami (1985) |
Singer(s) | Shabbir Kumar and Lata Mangeshkar |
Lyrics | Gulzar |
Music | Laxmikant-Pyarelal |
Music Label | Goldmines |
Zihal E Miskin Lyrics in Hindi
ओ.. ओ..
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
हो.. हो..
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
वो आके पहलू में ऐसे बैठे
वो आके पहलू में ऐसे बैठे
के शाम रंगीन हो गई है
के शाम रंगीन हो गई है
के शाम रंगीन हो गई है
जरा जरा सी खिली तबीयत
जरा सी गमगीन हो गई है
जरा जरा सी खिली तबीयत
जरा सी गमगीन हो गई है
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
अजीब है दिल के दर्द
अजीब है दिल के दर्द यारों
ना हो तो मुश्किल है जीना इसका
ना हो तो मुश्किल है जीना इसका
जो हो तो हर दर्द एक हीरा
हर एक गम है नगीना इसका
जो हो तो हर दर्द एक हीरा
हर एक गम है नगीना इसका
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
कभी कभी शाम ऐसे ढलती है
जैसे घूँघट उतर रहा है
उतर रहा है
कभी कभी शाम ऐसे ढलती है
जैसे घूँघट उतर रहा है
तुम्हारे सीने से उठता धुआँ
हमारे दिल से गुजर रहा है
तुम्हारे सीने से उठता धुआँ
हमारे दिल से गुजर रहा है
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
ये शर्म है या हया है
क्या है?
नजर उठाते ही झुक गयी है
नजर उठाते ही झुक गयी है
तुम्हारी पलकों से गिरके शबनम
हमारी आँखों में रुक गयी है
तुम्हारी पलकों से गिरके शबनम
हमारी आँखों में रुक गयी है
जिहाल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जिश
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या, हमारा दिल है
हो.. हो..
Zihal E Miskin Lyrics in English
Zihal-e-miskin makun-ba-ranjish
bahaal-e-hijra bechaaraa dil hai
Don’t look at this poor heart with enmity
It is fresh with wounds of separation.
Sunai deti hai jiski dhadkan
Tumhara dil ya hamara dil hai
The heart beats that you can hear
Is either from my heart or yours.
Woh aake pehloo mein aise baithe
Ke shaam rangeen ho gayi hai
He came and sat so lovingly besides me
That the evening has become colourful.
Zara zara si khili tabiyat
Zara si gamgeen ho gayi hai
It makes me feel a little happy
Yet it makes me feel a little unhappy.
Zihal e miskin makun-ba-ranjish
Bahaal-e-hijra bechaaraa dil hai
Don’t look at this poor heart with enmity
It is fresh with wounds of separation.
Ajeeb hai dil ke dard yaaron
Na ho to mushkil hai jeena iska
Unique is the ache of heart my friends
It is difficult to live without it.
Jo ho to har dard ek heeraa
Har ek gam hai nageena iska
For the heart, every pain is like a diamond
And grief is like its jewel.
Zihal e miskin makun-ba-ranjish
Bahaal-e-hijra bechaaraa dil hai
Don’t look at this poor heart with enmity
It is fresh with wounds of separation.
Kabhi kabhi shaam aisi dhalti hai
Ke jaise ghunghat utar rahi hai
Sometimes, the sunset seems
Like a veil is coming off.
Tumhaare seene se uthta dhuaan
Hamare dil se guzar raha hai
And I can feel the smoke rising from your bosom
Wafting through my heart.
Zeehale Muskin makun-ba-ranjish
Bahaal-e-hijra bechaaraa dil hai
Don’t look at this poor heart with enmity
It is fresh with wounds of separation.
Ye sharm hai ya haya hai kya hai
Nazar uthate hi jhuk gayi hai
Is this modesty or shame what is it
That’s making you cast your eyes down.
Tumhari palkon se girke shabnam
Hamari aankhon mein ruk gayi hai
The dew which is falling from your lashes
Has come and stopped in my eyes.
Zeehale Muskin makun-ba-ranjish
Bahaal-e-hijra bechaaraa dil hai
Don’t look at this poor heart with enmity
It is fresh with wounds of separation.
Video
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